Sounsar News : 12 नए सदस्य अवैधानिक करार

जामसावली मंदिर ट्रस्ट मामले में आया फैसला

उदय ढाले, सौंसर। सुविख्यात चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर टस्ट कमेटी अध्यक्ष एवं आजीवन सदस्य तथा प्रबंध कमेटी सदस्यों के बीच चल रहे विवाद के मामले में पंजीयक मंदिर ट्रस्ट कमेटी एवं एसडीएम न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुये मंदिर अध्यक्ष द्वारा लिये गये 12 नये सदस्यों को अवैधानिक करार दिया है।

न्यायालय ने कहा है कि अध्यक्ष द्वारा नये सदस्यों का आवेदन, सदस्यता शुल्क लिये बगैर सदस्यता दिलाने का प्रस्ताव लिया था, जो अनुचित है।

इस फैसले को लेकर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संतोष डवरे, टिकाराम कारोकार का कहना है कि, सत्य की जीत हुई है। अध्यक्ष द्वारा फर्जी तरीके से 12 नये सदस्यों को जोडऩे का प्रस्ताव पारित किया था।

आगामी 22 फरवरी को बैठक रखी है जिसमें हमारे द्वारा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जायेगा। विदित हो कि, अध्यक्ष की मनमानी के खिलाफ कमेटी के 18 सदस्यों द्वारा न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया था।

ऐसा है जामसांवली का मामला

मंदिर ट्रस्ट कमेटी के 17 सदस्यों का कहना है कि ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष द्वारा 22 नवंबर को प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक रखी गई थी। जिसका एजेंडा भी निर्धारित था।

एजेंडे में नये आजीवन सदस्यों को जोडऩे का कोई प्रस्ताव नहीं था। 22 नवंबर को उक्त बैठक में मंदिर के दैनिक व्यवस्थापन हेतु विभिन्न प्रस्ताव पारित किये गये थे तथा ऑडिट के संबंधी लेख करने हेतु प्रस्तावों के पश्चात कुछ खाली जगह छोडकर सभी के हस्ताक्षर लिये गये थे।

अध्यक्ष द्वारा छलकपट के साथ में खाली जगह पर 12 नये आजीवन सदस्य जोडने का प्रस्ताव लिया गया था। जबकि नियमानुसार साधारण सभा की बैठक में नये सदस्यों को जोडने का निर्णय लिया जाना न्याय संगत था।

कमेटी के सदस्यों की यह थी मांग

मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सचिव टिकाराम कारोकार उपाध्यक्ष दादाराव बोबडे, मनोहर शेलकी महादेव मते. संतोष डवरे, प्रदीप बुटे सहित अन्य सदस्यों का कहना है कि अध्यक्ष द्वारा छल कपट एवं अवैधानिक प्रक्रिया से नये सदस्यों को जोडऩे हेतु पारित प्रस्ताव को तत्काल खारिज करने, अध्यक्ष द्वारा अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सदस्यों से विश्वासघात तथा अध्यक्ष पद की गरीमा को ठेस पहुंचाने वाले अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का एजेंडा रखकर मत विभाजन करने, अध्यक्ष द्वारा नये सदस्यों को छल कपट के साथ जोडऩे का अपराधिक श्रेणी का कृत्य किया गया है।

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