कागज और सार्वजनिक बयान नहीं खा रहे आपस में मेल
Mess : छिंदवाड़ा। रोहना में अवैध शराब बिक्री को लेकर मामला गर्माया हुआ है।
जिन नियमों का हवाला देकर ग्राम में शराब दुकान नहीं खुलने दी गई अब उन्हीं नियमों को धता-बताते हुए
तथाकथित किराना दुकान से नाबालिग और वृद्धा की आड़ लेकर अवैध शराब बेची जा रही है।
इस मामले में चौंकाने वाली एक नई जानकारी सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत
रोहना ने 02 अक्टूबर 2024 (गांधी जयंती) के दिन ग्राम को नशा मुक्त बनाने प्रस्ताव पारित कर दिया था।
पंचायत की प्रोसेडिंग क्रमांक 8/ज में इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी दर्ज है जिस पर सरपंच जय सक्सेना सहित
अन्य जिम्मेदारों के हस्ताक्षर भी हैं।


अब ये सवाल उठ रहे…
रोहना में 03 अप्रैल 2025 को शासकीय शराब दुकान खुलवाने जब प्रशासनिक अधिकारी गए थे
तब ग्रामीणों ने भाजपा नेता अजय सक्सेना के नेतृत्व में शराब दुकान खुलने का पुरजोर विरोध किया गया था।
श्री सक्सेना ने अधिकारियों से कहा था कि रामनवमी के बाद पंचायत में नशामुक्त गांव का प्रस्ताव पारित कर
आपको भेज दिया जाएगा। इसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।
देखिए वीडियो और सुनिए क्या बोले थे अजय सक्सेना…
अब सवाल ये उठता है कि क्या 03 अप्रैल 2025 को विरोध के दौरान अजय सक्सेना को यह जानकारी नहीं थी कि
02 अक्टूबर 2024 को पंचायत के पारित प्रस्ताव के अनुसार ग्राम पंचायत रोहना नशामुक्त हो चुकी है ?
या फिर उन्हें पता था तो उन्होने अधिकारियों को सबके सामने प्रस्ताव दिखाया क्यों नहीं ?
संभावना जताई जा रही है कि 03 अप्रैल 2025 को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद बैक डेट (02 अक्टूबर 2024) पर
इस प्रस्ताव के कागज आनन-फानन में तैयार किए गए।
उपसरपंच बोले- मार्च 2025 में पारित हुआ प्रस्ताव
इस मामले को खंगालने अक्षर भास्कर ने पहले रोहना के सरपंच जय सक्सेना से फोन पर संपर्क साधने के प्रयास किए
लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाया। इसके बाद रोहना पंचायत के उपसरपंच दिव्यकांत गोलू यादव से फोन पर चर्चा की।
उन्होने तो और भी चौंकाने वाला जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि आपकी रोहना पंचायत को नशामुक्त करने
का प्रस्ताव कब पारित हुआ ? तो उन्होने नई तारीख बता दी। उन्होने कहा कि मार्च 2025 में उक्त प्रस्ताव पारित किया गया।
यह पूछने पर कि 02 अक्टूबर 2024 को भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया जा चुका है तो वे थोड़े असहज हो गए
और बोले कि उन्हें ठीक से याद नहीं है।
ठेका बदलते ही विरोध शुरू
इस मामले में मजे की बात ये है कि ग्राम पंचायत रोहना ने 02 अक्टूबर 2024 को प्रस्ताव पारित किया
उसके बाद भी 31 मार्च 2024 तक गांव में शराब दुकान चलती रही।
उस वक्त शासकीय शराब दुकान का ठेका राजेश माहोरे का था लेकिन
जैसे ही 01 अप्रैल 2025 से कियी अन्य का ठेका हुआ वैसे ही यह पूरा बवाल खड़ा कर दिया गया।
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