जेके और जेवी रायसिंग एंड कंपनी कर रही निर्माण
WCL News : छिंदवाड़ा। कोयलांचल में जो हो जाए वो कम है।
भ्रष्टाचार की जड़ों ने डब्लूसीएल को इस कदर अपनी जकड़ में ले लिया है कि कोई भी निर्माण कार्य बिना ‘दक्षिणा’ के नहीं हो रहा है।
इसके चक्कर में निर्माण की गुणवत्ता से जमकर समझौता किया जा रहा है।
मामला झुर्रे में बन रही सड़क का है। जेके और जेवी रायसिंग एंड कंपनी इस सड़क का निर्माण कर रही है।
सूत्र बताते हैं कि सड़क में गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है।
शोल्डर में डामर के धपड़े
बताया जाता है कि इस सड़क के शोल्डर को मिट्टी से भरा जाना था।
कई स्थानों पर निर्माण कंपनी ने पुरानी उखाड़ी सड़क के डामर के धपड़े शोल्डर में भर दिए हैं।
इसके ऊपर कहीं मिट्टी डाली जा रही है तो कहीं इन्हें खुला देखा जा सकता है।
मिक्स रेत का उपयोग
सूत्र बताते हैं कि इस कांक्रीट सड़क निर्माण में पेंच की रेत (काली) का उपयोग किया जा रहा है।
इसके उपयोग से सड़क की लाइफ कम हो जाएगी।
सड़क में सफेद रेत का उपयोग होना था क्योंकि उसकी पकड़ ज्यादा बेहतर होती है।
Read More…Chhindwara News : अवैध कोयला कारोबार का सरताज बना कमलेश!
पेंच की रेत का उपयोग करने के पीछे कारण है कि ठेकेदार को ट्रांसपोर्टिंग का खर्चा बच जाता है।
लेकिन सड़क की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
डब्लूसीएल प्रबंधन को ‘दक्षिणा’ से मतलब!
इस मामले में सूत्र बताते हैं कि डब्लूसीएल प्रबंधन के जिम्मेदारों को सिर्फ ‘दक्षिणा’ से मतलब है।
कोई भी जवाबदार अधिकारी इस कार्य की देखरेख नहीं कर रहा।
अक्षर भास्कर की टीम जब मौके पर पहुंची तो सड़क निर्माण स्थान पर न तो डब्लूसीएल का कोई सब इंजीनियर मौजूद था न ही निर्माण कंपनी का कोई जवाबदार।
मजदूर ही काम में लगे हुए थे।
Read More…Chhindwara News : परासिया : विधायक को राजनीतिक ‘स्टंट’ महंगा पड़ा, अब पुलिस पर उतार रहे ‘खीझ’
अक्षर भास्कर की टीम मौके पर लगभग तीन घंटे तक मौजूद रही लेकिन कोई भी जवाबदार अधिकारी या व्यक्ति निर्माण स्थल पर नहीं पहुंचा।
इनका कहना है
मैं सड़क निर्माण की जांच करवाता हूं। पुराने सब इंजीनियर रिटायर हो गए हैं।
नए सब इंजीनियर को प्रभार दिया गया है।
– श्री सहारे, एसओ सिविल
डब्लूसीएल
जल्द पढि़ए….
- किस कांग्रेस नेता की शय पर हो रहा सड़क में गोलमाल।
- प्लांट से कैसे मसाले को पहुंचाया जा रहा निर्माण स्थल तक।
- वर्क आर्डर को दिखा दिया ठेंगा। बाहर की कंपनी का नाम खराब करने में लगा ‘लोकल’ ठेकेदार।
- और भी बहुत कुछ…