नगर निगम में लाखों रुपए के गोलमाल का मामला
Defalcation : छिंदवाड़ा। नगर निगम में लाखों रुपए के गोलमाल के मामले में गड़बड़ी करने वालों ने
निगम के खाते में 5 लाख 15 हजार रुपए जमा करवाए हैं। यह राशि कार्रवाई से बचने के लिए जमा कराई गई है।
कर्मचारियों द्वारा उक्त राशि का निजी उपयोग कर लिया गया था। मामले का खुलासा होने के बाद उक्त कर्मियों की
नींद उड़ गई थी क्योंकि निगम कमिश्नर ने जांच के बाद एफआईआर करवाए जाने की बात कही थी।
यह है मामला
नगर निगम में बुधवार को संपत्तिकर वसूली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें पता चला था कि करदाताओं से
नकद वसूला गया पैसा निगम के खजाने में जमा नहीं किया गया। शुरुआती जांच में साढ़े तीन लाख रुपए से
ज्यादा का अंतर पकड़ में आया। नगर निगम आयुक्त सीपी राय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए
कैश काउंटर पर पदस्थ कर्मचारियों को तत्काल हटा दिया। पूरे मामले की ऑडिट जांच चार्टर्ड अकाउंटेंट को सौंपी गई।
जांच रिपोर्ट आने के बाद गड़बड़ी की सही रकम का खुलासा होगा और दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
शुरूआती जांच में पिछले 12 दिनों का रिकॉर्ड खंगालने पर खुलासा हुआ कि निगम पोर्टल पर जितनी राशि
वसूली दिख रही है, उतनी राशि खजाने में जमा नहीं हो रही। ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट के आंकड़ों में बड़ा अंतर
पाया गया। नए वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर और जलकर की दरों में बढ़ोतरी तो हुई, लेकिन नगरीय प्रशासन ने पोर्टल पर
अपडेट नहीं किया। इस वजह से ऑनलाइन और ऑफलाइन वसूली में अंतर बना रहा। कर्मचारियों ने इसी खामी
का फायदा उठाते हुए रकम जमा करने में गड़बड़ी की।
इनकी बदली ड्यूटी
फर्जीवाड़े में संलिप्त कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मचारियों की तैनाती की गई।
इनमें राजकुमार पवार सहायक ग्रेड-2, रविशंकर रहांगडाले कैशियर कम सहायक, श्याम मोखलगाय
विनियमित कर्मचारी, प्रीति सूर्यवंशी रोजगार सहायक (ठेका कर्मी), अंजली बिसेन ठेका कर्मचारी की ड्यूटी बदली गई।
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