Seminar : पं. दीनदयाल उपाध्याय ने स्वदेशी और विकेंद्रीकरण के विचार दिये : कुलस्ते

मंडला सांसद ने सेवा पखवाड़ा अंतर्गत संगोष्ठी को किया संबोधित

Seminar : छिंदवाड़ा। पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती के अवसर पर भाजपा जिला कार्यालय में गुरुवार को

मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता एवं भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव, पं. रमेश दुबे, नत्थशाह कवरेती,

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश पोफली, अरूण कपूर, भारिया विकास प्राधिकरण अध्यक्ष दिनेश अंगारिया,

जिला महामंत्री विजय पांडे, कमलेश उईके, सेवा पखवाड़ा के जिला संयोजक धर्मेन्द्र मिगलानी के आतिथ्य में

सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत गुरुवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

सेवा पखवाड़ा जिला संयोजक धर्मेन्द्र मिगलानी, सहसंयोजक कृपाशंकर सूर्यवंशी, विजेन्द्र चौहान,

जुगल यादव एवं संगोष्ठी के प्रभारी दिवाकर सदारंग, अभिलाष गोहर, राजेश बैस, जुगल यादव रहे।

संगोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा के पितृ पुरुष, प्रखर राष्ट्रवादी, एकात्म मानववाद एवं

अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया।

भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव बोले…

भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव ने अपने स्वागत उद्बोधन के माध्यम से समस्त अतिथियों एवं उपस्थित जनों का

स्वागत किया तथा अपने संबोधन में कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद सभी के लिए अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपने एकात्म मानववाद में कहे हैं कि शासन के द्वारा चलाई गई

योजना का लाभ अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए और अगर यह लाभ उस अंतिम व्यक्ति तक

नहीं पहुंच रहा है तो उसे उस व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था करने चाहिए।

मंडला सांसद का उद्बोधन…

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने संबोधित करते हुए कहा कि एकात्म मानववाद के

प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे और उन्होंने बहुत सादगी के साथ अपना जीवन जीया।

उन्होंने चुनाव हारना स्वीकार किया, लेकिन चुनाव में जाति का उपयोग करना स्वीकार नहीं किया।

मंडला सांसद ने कहा कि भारत की संस्कृति उनकी आत्मा में बसती है। वो कहते थे कि राष्ट्र, उसकी परंपरा और

संस्कृति एक साथ चलनी चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का विचार दिया,

जिसे कांग्रेस की सरकारों ने कमजोर किया। ऐसी वस्तुएं जिन्हें बनाने में देश के मजदूर का पसीना हो,

जिससे देश को टैक्स मिलता हो और जिसके उत्पादन से देश का विकास हो, वही स्वदेशी है।

वो कहते थे उद्योगों की दिशा व्यवहारिकता के आधार पर तय हो। उन्होने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि

सादा जीवन, गहन चिंतन, भारतीय संस्कृति की चिंता और विकेंद्रीकरण जैसे पं. दीनदयाल उपाध्याय के

मूल्यों को अपने जीवन में उतारें, ताकि राष्ट्र को बुलंदियों पर पहुंचाया जा सके।

संगोष्ठी का संचालन सेवा पखवाड़े के जिला संयोजक धर्मेंद्र मिगलानी एवं आभार प्रदर्शन जिला महामंत्री

कमलेश उइके ने किया।

ये भी रहे मौजूद

इस अवसर पर किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष संजय पटेल, भाजपा नेता लखन वर्मा, श्रीमती ज्योति डेहरिया,

उत्तम ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष अजय सक्सेना, योगेन्द्र राणा, राजू नंदवंशी, मंत्री श्रीमती गरिमा दामोदर,

श्रीमती नीलू निर्मलकर, शैलेन्द्र पटेल, सुश्री रंजना कोटार्य, कार्यालय मंत्री भारत घई, दिन्शु यादव,

विजेन्द्र चौहान, मंडल अध्यक्ष श्रीमती लीला बजोलिया, अंकुर शुक्ला, नवीन बारस्कर,

भाजपा नेता गुरजीत सिंह शंटी बेदी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन एवं आमजन उपस्थित रहें।

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