जमीन मालिक ने खा लिया था जहर, बमुश्किल जान बची…
Kanafoosee : छिंदवाड़ा। शहर का एक कालोनाइजर इन दिनों चौक चौराहों पर कानाफूसी का कारण बना हुआ है।
अक्सर विवादों के साथ नाम जोडऩे वाले इस कालोनाइजर के कारण जमीन मालिक ने जहर तक खा लिया।
उसका उपचार नागपुर परिजनों ने करवाया और जैसे-तैसे उसकी जान बची। जमीन मालिक आदिवासी वर्ग से है
और कालोनाइजर सामान्य वर्ग से। कानाफूसी पर ध्यान दें तो पता चलता है कि उक्त कालोनाइजर ने
शहर के पास नगर निगम क्षेत्र में एक एकड़ जमीन का सौदा 88 लाख रुपए में किया।
उसने जमीन मालिक को 38 लाख रुपए नगद दे दिए और 50 लाख रुपए का चैक दे दिया।
मियाद पर जब जमीन मालिक ने चैक लगाया तो वह बाउंस हो गया। कई चक्कर लगाने के बाद भी
उक्त कालोनाइजर जमीन मालिक को शेष राशि नहीं दे रहा था। उल्टा गुंडे लेकर जमीन पर कब्जा करने पहुंच गया।

काफी हंगामा हुआ और कालोनाइजर धमकी देकर लौट आया। उधर 50 लाख रुपए डूबने और जमीन से भी
हाथ धोने के डर से आदिवासी जमीन मालिक ने जहर खा लिया। परिजनों ने उसका उपचार नागपुर में करवाया
और उसकी जान बचाई। अब जमीन मालिक ने रजिस्ट्री शून्य करवाने सरकारी महकमे में अर्जी लगाई है।
आदिवासी की जमीन खरीदी कैसे ?
यह मामला जितनी सुर्खियां बटोर रहा है उतने ही सवाल भी खड़े कर रहा है। आदिवासी की जमीन
उक्त कालोइजर ने कन्वर्ट कैसे करवाई? क्या इसकी भनक प्रशासन को लगी नहीं या मामला ‘सेट’ कर दबा दिया गया?
बताया जाता है कि कालोनाइजर रजिस्ट्री में चैक मेंशन कराने भारी हीला हवाली कर रहा था लेकिन
जमीन मालिक के परिजनों ने रजिस्ट्री करने से मना कर दिया तो मजबूरी में उसने चैक मेंशन करवाया।
बहरहाल, मामला कुछ दिन पुराना है लेकिन अब बाहर आ रहा है।
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