कांग्रेस ने किया हमला; पूछा- आखिर निगम कौन चला रहा ?
Question : छिंदवाड़ा। आखिर निगम में चल क्या रहा है? क्या महापौर और कमिश्नर के बीच कुछ अनबन है…
या दोनों के बीच पटरी क्यों नहीं बैठ पा रही? ये वे सवाल हैं जो कई नेताओं के जहन और जुबान पर हैं।
इन सवालों ने जन्म लिया 18 दिसंबर दिन गुरूवार को हुई एमआईसी की बैठक के बाद।
दरअसल, इस बैठक में महापौर ने जो जानकारी मांगी वह 16 मार्च 2024 से मांगी।
यह वह तारीख है जब सीपी राय ने बतौर कमिश्नर नगर निगम पद्भार ग्रहण किया था।
क्या पूछा महापौर ने…?
महापौर ने एमआईसी की बैठक में अधिकारियों से पूछा था कि 16/03/2024 से अब तक मप्र सरकार एवं
केंद्र सरकार द्वारा निगम को कितनी राशि प्राप्त हुई? उन्होने यह भी पूछा कि 16/03/2024 से अब तक
कितनी कालोनियों को वैध किया गया है तथा कितनी कोलोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
महापौर ने यह भी पूछा कि 16/03/2024 से बैठक दिनांक तक नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत
कितने आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों की आनलाइन अनुमति प्रदान की गई, कितने आनलाइन
टेंडर लगाए गए और कितनी सामग्री जेम पोर्टल से क्रय की गई।
कांग्रेस ने की आरोपों की बारिश
एमआईसी की बैठक में बिना किसी खास चर्चा के 31 प्रस्ताव पास किए गए। हालांकि मीटिंग के बाद
कांग्रेस ने इन प्रस्तावों को लेकर निगम सरकार पर आरोपों की बारिश कर दी।
कांग्रेस से निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो ने सवाल उठाया कि मीटिंग में महापौर ही निगम के खर्चे का
हिसाब-किताब पूछ रहे हैं और उन्हें निगम के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है तो नगर निगम चला कौन रहा है?
नगर निगम अध्यक्ष सोनू मागो, नेता प्रतिपक्ष हंसा दाढ़े, कांग्रेस पार्षद आकाश मोखलगाय,
टिंकू राय सहित अन्य कांग्रेस पार्षदों ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि
एमआईसी में बेतुके मुद्दे शामिल करके जनता को गुमराह किया जा रहा है। श्री मागो ने कहा कि महापौर को भी
अधिकारी सही जानकारी नहीं देते हैं, इससे स्पष्ट है कि उनका जनता से कोई वास्ता नहीं रह गया है।
परतला प्रोजेक्ट के पैसे वापस नहीं करने का मामला भी कांग्रेस ने उठाया, पार्षदों ने कहा कि
नगर निगम को तीन माह में हितग्राहियों के पैसे वापस करने हैं, इसे एमआईसी में पास किया जाना चाहिए था।
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