अवैध वसूली को लेकर चर्चाएं, सप्लायर भी मानने तैयार नहीं
Illegal : छिंदवाड़ा। खनिज अधिकारी रवींद्र परमार की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
पिछले दो दिनों से परमार और मटेरियल सप्लायरों के बीच चल रहा विवाद बीतते समय के साथ
बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां खनिज अधिकारी रवींद्र परमार ‘अडिय़ल’ रवैया अपनाए हुए हैं तो वहीं
मटेरियल सप्लायर भी अपनी बात पर कायम हैं। सप्लायरों का खुला आरोप है कि परमार
कलेक्टर को भी गलत जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं। बुधवार को एक बार फिर मटेरियल सप्लायरों ने
कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के साथ वाहन मालिक प्रवीण कुमार ब्रम्हे ने टेस्ट रिपोर्ट,
खनिज विभाग के नियम, वाहन की वजन पर्ची और रायल्टी की प्रति भी प्रशासन को सौंपी है।
मटेरियल सप्लायर ने यह भी कहा है कि जांच करने पर 26.065 घनमीटर और 28.914 घनमीटर गिट्टी
वाहन में पाई गई जबकि खनिज अधिकारी 31 घनमीटर का केस बनाने पर अड़े हैं।
इस प्रकार वे कलेक्टर को भी गलत जानकारी दे रहे हैं। दूसरी ओर अब यह मामला चर्चाओं में आ गया है।
लंबे समय से खनिज अधिकारी रवींद्र परमार द्वारा की जा रही अवैध वसूली के आरोपों को इन चर्चाओं से बल मिल रहा है।
क्या है मामला

खनिज अधिकारी रवींद्र परमार ने 22 दिसंबर को बैतूल जा रहे गिट्टी से भरे वाहन क्रमांक
एमएच 40 सीटी 4393 को पकड़ा था। उन्होने यह कहकर उक्त डंपर को सांवरी चौकी में खड़ा करवा दिया था कि
उसमें क्षमता से अधिक गिट्टी भरी है। परमार का कहना था कि डंपर में 32 घनमीटर गिट्टी है।
मटेरियल सप्लायर ने इस कार्रवाई को अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने के आरोप लगाते हुए गलत बताया था।
सप्लायरों का कहना था कि इतनी अधिक मात्रा में गिट्टी वाहन में नहीं है। सप्लायरों ने कलेक्टर हरेंद्र नारायण
से मामले की शिकायत की। कलेक्क्टर ने परमार को फटकार लगाई और गिट्टी का नाप करने निर्देश दिए।
सूत्र बताते हैं कि खनिज अधिकारी परमार ने कलेक्टर को जो जानकारी दी है उसमें 31 घनमीटर गिट्टी
होना बताया है। इस पर सप्लायरों का कहना है कि खनिज अधिकारी कलेक्टर को गुमराह कर
गलत जानकारी दे रहे हैं, उनके सामने हुई जांच में पहले 26.065 और उसके बाद 28.914 घनमीटर गिट्टी निकली है।
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