उन लोगों की ‘बाढ़’ आ गई जो कांग्रेस से भाजपा में आने के लिए ‘मचल’ रहे थे
अक्षर भास्कर डिजिटल, छिंदवाड़ा। अभी कुछ दिनों पहले तक कांग्रेसी परेशान थे, हलाकान थे…कारण सत्ता में नहीं होने से उनके काम नहीं हो रहे थे, अफसर सुन नहीं रहे थे।
हालात ये हो गए थे कि चुनावों में खर्च हुए पैसे भी री-कवर नहीं हो पा रहे थे। फिर एक दिन नगर निगम छिंदवाड़ा के सात पार्षदों ने मन बनाया कि अब बहुत हुआ।
कब तक ऐसा चलेगा…और वे पहुंच गए भोपाल। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और सूबे के मुखिया के सामने भाजपा का गमछा गले में डलवा लिया। इसके बाद तो जैसे छिंदवाड़ा में उन लोगों की ‘बाढ़’ आ गई जो कांग्रेस से भाजपा में आने के लिए ‘मचल’ रहे थे।
दबी-छुपी जबान में कांग्रेस के खिलाफ बोलने वाले नेता अचानक मुखर हो गए क्योंकि उन्हें रास्ता जो दिख गया था। अपना भविष्य सुरक्षित करने वे भी भाजपा में आ गए। भाजपा को भी अंदेशा नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होंगे।
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को फिर जमकर पटखनी मिली और भाजपा की फिर सरकार बन गई। दल बदलने के बीच कानाफूसी का दौर भी चलता रहा।
चर्चा है कि पिछले तकरीबन 18 वर्षों से सत्ता की राह तक रही कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जब यह समझ आ गया कि अभी उनकी पार्टी को ‘जनता का आशीर्वाद’ मिलने में काफी समय लगेगा तो वे भी सत्ताधारी दल के साथ हो लिए।
मतलब जो कल तक सत्ता के लिए तरस रहे थे वे अब सत्ता में आ गए हैं। अब वे निश्चिंत हो गए हैं कि उनका भविष्य फिलहाल सुरक्षित है। अब सरकारी महकमों में उनकी सुनी भी जाएगी और उनके काम भी होंगे…क्योंकि वे अब सत्ता में आ गए हैं…और कुछ इस तरह कांग्रेस ने ‘सत्ता’ में ‘वापसी’ कर ली..!