जिला अध्यक्ष ने दिखाया बाहर का रास्ता
Chhindwara News : छिंदवाड़ा। भाजपा ने नगर निगम चुनाव के बाद हूटिंग करने वाले 2 पार्षदों सहित 4 नेताओं को 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
निगम चुनाव में अध्यक्ष के विरूद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद भाजपा दफ्तर में 2 पार्षद और 2 पार्षद पतियों ने अभद्रता की थी।
इनमें भाजपा पार्षद किरण हरिओम सोनी और पूर्णिमा मालवी सहित पूर्व पार्षद संतोष राय, शिव मालवी भी शामिल हैं।
दरअसल 8 अक्टूबर को नगर निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद भाजपा जिला कार्यालय में पार्षदों के साथ गाली-गलौच करने और,
पार्टी कार्यकर्ताओं को गद्दार जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए इन सभी पार्षदों से भाजपा जिला अध्यक्ष ने जवाब मांगा था।
संतोषजनक जवाब न देने के कारण भाजपा जिला अध्यक्ष ने इन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
निष्काषन से पहले सभी पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद प्रदेश संगठन के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
मामले में बीजेपी जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने बताया कि नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
जो घटनाक्रम हुआ उसके बाद हमें ऐसे निर्णय लेना पड़े, क्योंकि हम सभी अनुशासन से बंधे हुए है।
पार्टी में अनुशासन बनाने के लिए 4 लोगों को भाजपा से बाहर करने का निर्णय लेना पड़ा।
सभी को 6 वर्ष के लिए बाहर किया गया।
यह था मामला
नगर निगम में अध्यक्ष सोनू मागो के खिलाफ 8 अक्टूबर को अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था।
कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की मौजूदगी में गुप्त मतदान हुआ,
जिसमें कांग्रेस के निगम अध्यक्ष सोनू मांगो के पक्ष में 21 मत पड़े, जबकि विपक्ष में महापौर समेत 27 पार्षदों ने वोटिंग की।
वोटिंग के दौरान हाउस में भाजपा के 34 में से 33 और कांग्रेस के सभी 14 पार्षद मौजूद थे।
हालांकि अध्यक्ष के पक्ष में कांग्रेसियों के अलावा 7 विपक्षी पार्षदों ने भी वोट डाले थे।
निगम सभागृह में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी शीलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में की गई थी।
सदन में महापौर और पार्षद मौजूद रहे थे।
2 घंटे तक चली कार्यवाही में कांग्रेस के निगम अध्यक्ष सोनू मागो के खिलाफ लाया गया अविश्वास गिर गया था।
उन्हें कांग्रेसी पार्षदों के अलावा विपक्ष से भी वोट मिले, फिर भी जरूरी मत वे हासिल नहीं कर पाए।
कवायदें हुईं लेकिन गुटबाजी नहीं हुई
भाजपा को पहले ही गुटबाजी का अंदाजा था।
ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के पहले पार्षदों को एकजुट करने में बीजेपी नेता कवायदों में जुटे रहे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने मोर्चा संभालते हुए भाजपा कार्यालय में पार्षदों से अलग-अलग चर्चा भी की थी।
सबनानी पार्षद दिवाकर सदारंग के घर भी पहुंचे थे।
उन्होंने पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान के गुट के पार्षदों से भी बात की थी।
हालांकि इन सबके बाद भी हाउस में गुटबाजी नजर आई, क्योंकि वोटिंग के दौरान विपक्ष के 7 पार्षदों ने कांग्रेस अध्यक्ष के पक्ष में वोट डाले थे।
परमजीत और विनोद पर कार्रवाई कब?
भाजपा द्वारा 2 पार्षदों सहित 4 नेताओं पर अनुशासनहीनता के चलते निष्काषन की कार्रवाई के बाद भाजपा के ही कार्यकर्ता सवाल उठाने लगे हैं।
भाजपा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिला महामंत्री परतजीत सिंह विज और परासिया नपा अध्यक्ष विनोद मालवीय पर भाजपा के ही जिला मंत्री अनुज पाटकर की जासूसी की ‘सुपारी’ देने के मामले में पार्टी ने चुप्पी क्यों साधी है।
दोनों की लिखित शिकायत थाने में की गई है।
पार्टी फोरम पर भी मामला उठाया गया लेकिन इन सबके बावजूद पार्टी परमजीत सिंह विज और विनोद मालवीय के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अपने ही नेता की जासूसी के लिए सुपारी देना क्या अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं आता?
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