अधिकारी बोले- सिर्फ वे ही काम करते है, बाकियों से नहीं बनता
Chhindwara News : छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय में सामाजिक न्याय विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी विवादों में बना हुआ है।
यह कर्मचारी विभाग में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के लिए लगातार मुसीबतें खड़ी कर रहा है जिसके चलते कार्यालय में असंतोष बना हुआ है।
इसका असर सरकारी काम काज पर भी पडऩे लगा है।
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इस कर्मचारी का नाम है अनिल कुमार भारती।
यह कर्मचारी वैसे तो जनपद पंचायत अमरवाड़ा में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ है लेकिन अपने ‘कांटेक्ट्स’ के कारण जिला मुख्यालय पर ही बीते कई वर्षों से डटा हुआ है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार भारती को 2020 से सामालिक न्याय विभाग में अटैच किया गया है।
उस वक्त जिला पंचायत के एसीईओ एसके गुप्ता थे जिनकी ‘विशेष कृपा’ पर भारती को सामाजिक न्याय में अटैच किया गया।
आश्चर्य की बात है कि भारती को अटैच किए जाने संबंधी किसी प्रकार का लिखित आदेश विभाग के पास नहीं है।
अधिकारी खुद इस बात को स्वीकारते हैं कि भारती की प्रतिनियुक्ति कब तक है इस संबंध में कोई आदेश नहीं है।
अमरवाड़ा जनपद कई बार बुला चुकी!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार भारती जो कि मूल रूप से अमरवाड़ा जनपद में पदस्थ हैं उनका काम है शासन द्वारा संचालित योजनाओं का उचित क्रियान्वयन करवाना।
लेकिन वे अपना मूल काम छोड़कर ‘सेटिंग’ के चलते ‘मलाईदार’ काम में लगे हैं।
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अमरवाड़ा जनपद पंचायत ने कई बार उन्हें मूल पद पर लौटाने के लिए विभाग से पत्र व्यवहार किया लेकिन भारती को रिलीव नहीं किया।
जनपद पंचायत अमरवाड़ा के सूत्र बताते हैं कि जनपद पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है इसलिए भारती की सेवाएं वापस लौटाने कई बार पत्र लिखा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
घटिया सामग्री सप्लाई में उछला था नाम
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह/निकाह योजना के तहत बीते वर्ष इनर ग्राउंड पर आयोजित किए सामूहिक विवाह में नव दम्पतियों को शासन द्वारा दी गई उपहार सामग्री को लेकर बवाल मचा था।
घटिया सामग्री सप्लाई किए जाने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
सूत्र बताते हैं कि इस घटिया सामग्री की सप्लाई में एक भूमिका अनि कुमार भारती की भी थी जिसे दबा दिया गया।
मामले की सही ढंग से जांच की जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता।
सिर्फ कागजों में बदली पदस्थापना
सूत्र बताते हैं कि बीते वर्षों में अनिल कुमार भारती की तीन बार पदस्थापना बदली लेकिन उसका कार्यस्थल जिला मुख्यालय पर सामाजिक न्याय विभाग ही रहा।
भारती को पांढुर्णा, परासिया और फिर अमरवाड़ा में पदस्थ किया गया लेकिन वे जिला मुख्यालय पर ही काम करते रहे।
ये ही काम करते हैं : राजौरिया
अनिल कुमार भारती की पदस्थापना को लेकर जब विभाग के उपसंचालक पी राजौरिया से पिछले दिनों सवाल जवाब किए गए तो उनके जवाब भी गैरजिम्मेदाराना लगे।
उनका कहना था कि भारती ही काम करते हैं, बाकी अनुकंपा नियुक्ति वाले कर्मचारी हैं जिनको उतना काम नहीं आता।
उपसंचालक का कहना था कि व्यवस्थाओं के तहत पुराने अधिकारियों ने भारती को यहां रखा है।
श्री राजौरिया यह भी नहीं बता पाए कि यदि भारती प्रतिनियुक्ति पर हैं तो वे कितनी अवधि के लिए हैं।
साथ ही उन्होने इस संबंध में किसी भी प्रकार के लिखित आदेश होने से अनभिज्ञता जताई।
अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि अनिल कुमार भारती को ऐसा कौन सा काम आता है जो दूसरे विभागीय कर्मचारियों को नहीं आता या वे सीख नहीं सकते?
बहरहाल सूत्रों की मानें तो कुछ लोगों में ‘दक्षिणा’ संबंधी विशेष योग्यता होती है जो भारती में है, संभवत: इसलिए उन्हें मूल विभाग में भेजना कुछ जिम्मेदारों को गवारा नहीं है।
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