विजयवर्गीय के ‘ताजा फल-बासा फल’ वाले बयान के निकाले जा रहे कई सियासी मायने
अक्षर भास्कर डिजिटल, छिंदवाड़ा। भाजपा के फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आज यानी 06 फरवरी 2024 को छिंदवाड़ा में थे। उन्होने पत्रकार वार्ता में कमलनाथ के भाजपा ज्वाइन करने को लेकर कहा कि उनके लिए दरवाजे बंद हैं। इसके साथ ही उन्होने मिसाल दी कि ‘आदमी जब बाजार जाता है तो ताजा फल लेता है या बासा फल, ताजा फल ही लेगा’ उनके इस बयान के राजनीतिक पंडित कई मायने निकाल रहे हैं।
इसमें एक है कि उनके बयान के हिसाब से कमलनाथ को यदि ‘बासा फल’ माना जाए तो ‘ताजा फल’ नकुलनाथ को माना जा सकता है क्योंकि नकुलनाथ युवा नेता हैं और मध्यप्रदेश से कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं। पहली बार चुनाव लड़े और जीते भी। इसके अलावा जिले में सभी 5 विधायक कांग्रेस के हैं।
लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो पांढुर्णा जिले की दो विधानसभा मिलाकर सभी 7 सीटें इस वक्त कांग्रेस की झोली में हैं। अब कैलाश विजयवर्गीय के बयान को इस नजरिए से देखा जाए तो भाजपा ‘बासा फल’ भले ही न ले लेकिन ‘ताजा फल’ लेने को तैयार है। मतलब कमलनाथ के लिए तो दरवाजे बंद हैं लेकिन नकुलनाथ के लिए खुले हैं।
बहरहाल जो भी होना है वह भविष्य के गर्त में है लेकिन इस वाक्ये के यह मायने निकाले जाने लगे हैं कि नकुलाथ के लिए भाजपा के दरवाजे खुले हैं भले ही कमलनाथ के लिए बंद हों।
लगी थीं ये अटकलें भी…
पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि कमलनाथ भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। मंगलवार 06 फरवरी 2024 को कमलनाथ ने चार दिवसीय दौरे से लौटते वक्त हवाई पट्टी पर साफ कर दिया कि वे भाजपा ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं ओर नकुलनाथ एआईसीसी की घोषणा के बाद छिंदवाड़ा से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।
लेकिन इससे पहले एक सभा में नकुलनाथ ने खुद को प्रत्याशी घोषित कर दिया था और राम मंदिर जाने के लिए छिंदवाड़ा की जनता से अपील भी की। इन सभी बातों को राजनीतिक ज्ञानी पचा नहीं पा रहे हैं। वे इन सभी वाकयों से कुछ अलग ही अर्थ निकाल रहे हैं।