छिंदवाड़ा में फिर बढ़ा होम डिलिवरी का गोरखधंधा
Teaser : छिंदवाड़ा। शराब तस्करों पर पुलिस की सख्ती नाकाफी साबित हो रही है।
पिछले दिनों लगातार कार्रवाई कर पकड़ी गई अवैध शराब के बावजूद शहर में शराब की होम डिलिवरी का
गोरखधंधा चरम पर है। दूसरी ओर आबकारी विभाग ठेका प्रक्रिया करवाने के बाद एक बार फिर कुंभकर्णीय नींद में है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध शराब की घर पहुंच सेवा के लिए तस्कर रोज नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं।
शहर में इन दिनों अवैध शराब की होम डिलीवरी का खेल खुलेआम चल रहा है।
शराब तस्कर अपने कारिदों के माध्यम से अवैध शराब की होम डिलीवरी सस्ते दामों पर शहर में कर रहे हैं।
जरूरत है तो सिर्फ एक कॉल की और आपके बताए स्थान पर शराब पहुंच जाएगी।
सब कुछ सिर्फ एक कॉल दूर
शराब तस्कर लोगों को फोन पर ही सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। तस्करों को फोन करने वाले ग्राहक को
सिर्फ अवैध शराब का ब्रांड और मात्रा बतानी होती है। इसके बाद यह तस्कर ग्राहक की बताई जगह पर अवैध शराब की
सप्लाई कर देते हैं। तस्कर एक बोतल से लेकर पेटियों तक की सप्लाई कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होने दोपहिया वाहनों के साथ-साथ कारें भी रखी हुई हैं। अवैध शराब की होम डिलीवरी का यह धंधा
कम दाम पर मिलने के कारण फल-फूल रहा है। तस्कर घर बैठे ही लोगों को सरकारी दुकानों से 40 प्रतिशत तक
कम दामों पर अवैध शराब उपलब्ध करा रहे हैं। यानि शराब की जो बोतल दुकानों पर 800 रुपये की है,
वह इन तस्करों के पास लोगों को घर बैठे 500 से 600 रुपए में ही उपलब्ध हो जाती है।
वहीं जो पेटी लोगों को शराब ठेके से 8 हजार रुपये की मिलती है, वही इन तस्करों के माध्यम से पांच हजार
रुपए में घर बैठे पहुंच रही है। इससे सरकारी राजस्व को भी खासा नुकसान पहुंचता है।
पुलिस से बचने रोज बदलते हैं तरीके

शहर में सक्रिय शराब तस्कर पुलिस से बचने के लिए रोज अपने तरीके बदलते रहते हैं।
यह तस्कर फुटकर ग्राहकों को कभी स्कूटी की डिक्की, कार, तो कभी खाली प्लाट में रखकर डिलीवरी देते हैं।
शराब लेने आए ग्राहक से तस्कर पैसे लेने के बाद बता देते हैं कि इस नंबर की गाड़ी की डिक्की या फिर
खाली पड़े प्लाट में अवैध शराब कहां पड़ी हुई है। अवैध शराब की इस खेप को छिपाने के लिए कई घरों
और दुकानों को इन तस्करों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है।
गौरतलब है कि हाल ही में देहात थाना पुलिस ने एक लोडिंग वाहन भी पकड़ा था जिसमें सब्जियों की
खेप की आड़ में सप्लाई की जा रही बड़ी मात्रा में अवैध शराब मिली थी।
जिम्मेदारी से कोसों दूर आबकारी

इस मामले में आबकारी विभाग को टटोलने की कोशिश की गई तो पता चला कि विभागीय अमला अवैध
शराब पकडऩे की जिम्मेदारी से कोसों दूर है। आबकारी विभाग सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ शराब और
लाहन ढहाने में ही रूचि दिखाता है क्योंकि फोटो खिंचवाते वक्त उसमें ‘क्वांटिटी’ ज्यादा नजर आती है।
अंग्रेजी शराब के मामलों को लेकर तो अधिकारी फोन भी उठाना उचित नहीं समझते।
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