Training : माननीयों को ‘बोलना’ सिखाएगी भाजपा

विशेष ट्रेनिंग शिविर में बताया जाएगा-कहां कितना बोलना है, कब बोलना है…

Training : भोपाल। अपने मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के विवादित बयानों से परेशान भाजपा अब

विशेष शिविर लगाने जा रही है। इस शिविर में यह सिखाया जाएगा कि माननीयों को कब बोलना है,

किस मंच पर बोलना है-किस पर नहीं और कितना बोलना है। शिविर नर्मदा जी के तट पर लगाने की तैयारी है।

दरअसल, पिछले दिनों कई ऐसे वाक्ये हुए जिनमें अपने ही मंत्रियों, विधायकों या नेताओं के बोल-वचन

भाजपा की गले की फांस बन गए। ताजा मामला मंत्री विजय शाह का कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर

दिए गए बयान से हो रही किरकिरी का है। इन सबसे परेशान भाजपा अब अपने नेताओं को बोलने की

नई कला सिखाने जा रही है।

पीएम मोदी ने दिया सुझाव

भाजपा के गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार विवादित बयानों के मामले लगातार केंद्रीय नेताओं तक पहुंच रहे हैं।

इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिविर लगाकर सिखाने का यह सुझाव पार्टी को दिया है।

यह होगा ट्रेनिंग में…

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी मंत्री और विधायक एक विशेष ट्रेनिंग शिविर

में भाग लेंगे, जिसमें उन्हें सार्वजनिक मंचों पर सोच-समझकर बोलने की तकनीक सिखाई जाएगी।

यह आयोजन आरएसएस के प्रशिक्षण शिविरों की तर्ज पर तैयार किया गया है।

शिविर में मीडिया विशेषज्ञ, संचार प्रशिक्षक और पार्टी के अनुभवी प्रवक्ता नेताओं को समझाएंगे कि

किस वक्त, किस मंच पर कितना बोलना है। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि किन मुद्दों पर उन्हें नहीं बोलना है।

इतना ही नहीं नेताओं को यह भी सिखाया जाएगा कि मीडिया से बात करते समय अपनी बात कैसे रखना है,

विपक्ष को कैसे जबाव देना है।

इन मामलों ने करवाई भाजपा की किरकिरी

  • ग्वालियर पहुंचे स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने एक होटल पर छापामार कार्रवाई के दौरान

विवाद की स्थिति बन गई थी। मामले के वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे।

मंत्री ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया और रेस्टोरेंट की जांच शुरू करवा दी।

दरअसल इस होटल में सभी टेबल बुक थीं और मंत्री जी को टेबल नहीं मिली थी जिससे वे भड़क गए।

  • ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते समय जनजातीय कार्यमंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया को लेकर की गई

टिप्पणी का विवाद अब भी पार्टी के लिए मुसीबत बना हुआ है। पार्टी ने भले ही उन्हें समझाइश दी है,

लेकिन वे मंत्री पद छोडने के लिए तैयार नही हैं। उनके बयान की वजह से पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर

जमकर किरकिरी हो रही है। उनके खिलाफ न्यायालय के आदेश पर आपराधिक मामला भी दर्ज हो चुका है।

इसके बाद भी वे मंत्री बने हुए हैं। अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।

  • खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच जुबानी जंग लंबे समय से चल रही है।

उनके बीच खुलकर सार्वजनिक रुप से आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है।

  • वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री

शिवराज सिंह चौहान को लेकर दिए बयान के बाद विवादों में घिर चुके हैं।

  • रतलाम की तराना सीट से विधायक चिंतामण मालवीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के खिलाफ ही बयानबाजी कर चुके हैं।
  • महू विधायक ऊषा ठाकुर, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल सांसद आलोक शर्मा भी ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं,

जिस पर पार्टी को बाद में सफाई देनी पड़ी है।

  • शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन के अपनी ही सरकार के खिलाफ मीडिया के सामने दिए गए बयान से

सरकार की कार्यप्रणाली पूरी तरह से कटघरे में है। उनका कहना है कि प्रशासनिक अफसर उनकी बात को सुनते तक नही है।

इसकी वजह से वे असहाय हो चुके हैं।

  • भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने भी कहा था कि पुलिस अपराधियों के साथ मिलकर मेरी जान की दुश्मन बन गई है।

मेरे साथ कभी भी कोई भी वारदात हो सकती है।

  • हाल ही में गुना जिले से भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने भी अपना दर्द बयां करते हुए खुद को ही पीडि़त बता दिया था।

उन्होने मंच से प्रशासन और सरकार दोनों को घेरा था।

  • प्रीतम सिंह लोधी जो शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं,

उन्होंने अपनी सुनवाई नहीं होने और कांग्रेसियों की सुनवाई होने के चलते ऊर्जा मंत्री को लट्टू मंत्री

बताते हुए कई गंभीर और आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।विपक्ष को कैसे जबाव देना है।

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