दवा कंपनी पर एफआईआर, डॉक्टर गिरफ्तार, निलंबित
Kidney Fail : छिंदवाड़ा। जिले के परासिया में 11 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है।
शनिवार रात जिले के परासिया थाना में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी
(कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना
क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को देर रात एसपी द्वारा बनाई गई स्पेशल पुलिस टीम ने
गिरफ्तार भी कर लिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है।
जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनके तहत 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने कहा कि आगे की जांच के लिए एसआईटी गठित कर जल्द ही तमिलनाडु भेजी जाएगी।
इधर, शनिवार रात में ही किडनी फेल होने से 11 बच्चों की मौत के मामले में मध्यप्रदेश की सरकारी रिपोर्ट भी आ गई।
इसमें सिरप कोल्ड्रिफ में 46.2 प्रतिशत डायएथिलिन ग्लायकॉल (डीईजी) का पुष्टि हुई है।
वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट ‘ओके’ आई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी
को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है।
डॉ. सोनी को निलंबन के बाद क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर में अटैच किया गया है।
बैतूल के दो बच्चों की भी इलाज के दौरान मौत
परासिया के अलावा बैतूल में भी कोल्ड्रिफ की वजह से दो बच्चों की मौत होने की आशंका है।
इनके नाम आमला विकास खंड के कलमेश्वरा निवासी 4 वर्षीय कबीर पिता कमलेश और
जामुन बिछुवा गांव के ढाई वर्षीय गर्मित पिता निखलेश बताए गए हैं। परिजनों ने बताया कि 24 अगस्त को
कबीर को बुखार आने पर परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी को दिखाया। इलाज के बाद उसे घर ले आए।
जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो परासिया के दो अन्य डॉक्टरों से भी सलाह ली गई।
यहां बताया गया कि बच्चे की किडनी प्रभावित हो रही है। इसके बाद उसे 7 सितंबर को नागपुर ले गए,
जहां एक दिन अस्पताल में भर्ती रखने के बाद डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी। परिजन संतुष्ट नहीं थे,
इसलिए वे उसे सीधे भोपाल ले गए। वहां पहुंचते ही 8 दिसंबर की रात करीब साढ़े चार बजे कबीर की मौत हो गई।
गर्मित ने भी इलाज के दौरान 1 अक्टूबर को दम तोड़ दिया था। समाचार एजेंसियों के मुताबिक,
छिंदवाड़ा शहर से दो और चौरई तहसील से एक बच्चे की मौत भी किडनी फेल होने की वजह से होने की बात सामने आई है।
हालांकि, इन बच्चों की डिटेल अभी सामने नहीं आई है।
मिलावटी और खतरनाक तत्वों वाली थी दवाएं
बता दें कि श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी के सिरप बच्चों को उपचार के दौरान दिए गए थे।
जिसके बाद बच्चों की हालत बिगडऩे लगी थी। अब तक 11 बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हो चुकी है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि बच्चों को जो दवा दी गई थी, वह मिलावटी और हानिकारक तत्वों से युक्त थी।
इसी आधार पर अब दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा कंपनी दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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