सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए रिमाइंडर
Negligence : भोपाल। मध्यप्रदेश में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं इसकी जानकारी सरकार
तीन माह में भी इकट्ठा नहीं कर पाई। यह जानकारी तब निकल कर सामने आई है जब प्रदेश में दैनिक
वेतन भोगी और अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किए जाने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कार्ययोजना मांगी है।
अब कार्ययोजना बताने और अमल करने की बात तो दूर, सरकार को यही नहीं पता कि किस
विभाग में कितने कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी और अस्थायी कर्मचारी के रूप से काम कर रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग पिछले तकरीबन तीन माह से सभी सरकारी महकमों से यह जानकारी हासिल
करने की कवायद में जुटा है लेकिन हाथ खाली हैं। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी प्रकरण
जग्गू वर्सेस भारत सरकार और विनोद कुमार वर्सेस भारत सरकार में पारित निर्णय के आधार पर
जबलपुर हाईकोर्ट में साल 2024 में रिट पिटीशन लगाई गई है। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।
कोर्ट ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और अस्थायी कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर राज्य सरकार की
कार्ययोजना प्रस्तुत करने कहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके बाद सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव,
प्रमुख सचिव और सचिवों को निर्देश जारी किए थ जिसमें कहा था कि 16 मई 2007 की स्थिति में
काम करने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति अनियमित है लेकिन अवैधानिक नहीं है।
यह कर्मचारी 1 जनवरी 2025 तक काम कर चुके हैं या अभी कर रहे हैं।
इस आधार पर ऐसे कर्मचारियों की जानकारी शासन को भेजी जाए।
रिमाइंडर भी भेजे
सामान्य प्रशासन विभाग ने इसको लेकर फरवरी 2025 में निर्देश जारी कर सभी विभागों से जानकारी मांगी थी।
इसके बाद रिमांइडर भी भेज दिए लेकिन अन्य विभाग अब तक यह नहीं बता पाए हैं कि कितने स्थायी,
अस्थायी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह जानकारी 16 मई 2007 से एक जनवरी 2025
की स्थिति में अलग-अलग विभागों में पदस्थ कर्मचारियों के मामले में दी जाना है।
यह जानकारी देनी है

सामान्य प्रशासन विभाग ने जो जानकारी मांगी है उसमें काम करने वाले कुल दैनिक वेतन भोगी,
अस्थायी कर्मचारियों की संख्या, एक जनवरी 2025 की स्थिति में पिछले दस सालों तक अस्थायी
और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या, 16 मई 2007 के फैसले के आधार पर
नियमितिकरण के लिए पात्र दैनिक वेतन भोगी और अस्थायी कर्मचारियों की संख्या बताई जानी है।

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