भाजपा उपाध्यक्ष राणा ने लिखी किताब, संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर विमोचन
Writing : छिंदवाड़ा। जो आरएसएस आपको दिखता है वो आज एक विशाल वटवृक्ष है…
पर यहां तक पहुंचने की यात्रा और उसके पीछे निष्काम भाव से कार्य करने वाले लाखों
स्वयसेवकों का जीवन एक आदर्श और प्रेरणा देने वाला है। ये अंश उस किताब के हैं जो
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष योगेंद्र प्रताप राणा ने लिखी है। किताब का शीर्षक है ‘मैं स्वयं सेवक ज्ञात-अज्ञात’।
किताब का विमोचन संघ प्रचारक लखन जी व जगतगुरु संत राघव देवाचार्य जी के द्वारा
छिंदवाड़ा स्थित केशव कुंज में किया गया। किताब के संबंध में लेखक व संपादक
श्री राणा ने बताया कि आज जो आरएसएस आपको दिखता है वो आज एक विशाल वटवृक्ष है…पर यहां तक पहुंचने
की यात्रा और उसके पीछे निष्काम भाव से कार्य करने वाले लाखों स्वयसेवकों का जीवन एक आदर्श और प्रेरणा देने वाला है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की 100 वर्षों की सतत यात्रा व संघ की महान विभूतियों और स्वयसेवकों पर
आधारित यह पुस्तक मुझ स्वयं को प्रेरणा देती है। उन्होने बताया कि मेरा सौभाग्य है कि
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व महान विभूतियों स्वयसेवकों के विषय में मैं अपनी लेखनी से उनके बारे में
लिख पाया और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को थोड़ा और अधिक जान सका। श्री राणा के अनुसार
जीवन का लंबा होना बड़ी बात नहीं, महत्वपूर्ण और सार्थक होना बड़ी बात है। इस दुनिया में
करोड़ो लोगों का जन्म होता है पर उसमें से कुछ ही लोग होते है जो अपने जीवन का उद्देश्य
जान पाते हंै और देश व समाज कल्याण के लिए कार्य करते करते अपने जीवन की आहुति
दे देते है धन, नाम, प्रतिष्ठा व स्वार्थ से उठकर जो कुछ ऐसा काम कर जाते है जिन्हें कभी भुलाया
नहीं जा सकता वे ही हमारे समाज की धरोहर हैं।

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