कोर्ट स्टे के कारण बनी स्थिति, सरकार ने नहीं पेश किया जवाब
Award : भोपाल। इंदौर हाईकोर्ट के स्टे के बाद एक विक्रम अवॉर्ड को होल्ड कर दिया गया है।
छिंदवाड़ा की भावना डेहरिया को सरकार ने विक्रम अवॉर्ड 2023 के लिए चुना था लेकिन
फिलहाल उन्हें अवार्ड नहीं दिया गया है।
भावना के चयन को लेकर पर्वतारोही मधुसूदन पाटीदार ने चुनौती दी थी। पाटीदार ने 2017 में एवरेस्ट फतह किया था।
कोर्ट ने मधुसूदन की याचिका पर सरकार से 7 हफ्ते में जवाब मांगा था परंतु सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इसके बाद कोर्ट ने स्टे के आदेश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि जब तक उनकी रिप्रेजेंटेशन तय नहीं होगी,
तब तक विक्रम अवॉर्ड (स्पेशल एडवेंचर अवॉर्ड) किसी को नहीं दिया जाए।
इस मामले में खेल विभाग ने कहा कि नियम अनुसार 5 साल के अंतराल में आवेदन करने वाले ही पात्र होते हैं।
इसके चलते भावना डेहरिया ही विक्रम अवॉर्ड के लिए पात्र है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक
राकेश गुप्ता ने बताया कि छिंदवाड़ा की भावना डेहरिया को सरकार ने विक्रम अवॉर्ड के लिए चुना था।
भावना के चयन को लेकर पर्वतारोही मधुसूदन पाटीदार ने चुनौती दी थी।
मधुसूदन ने 2017 में एवरेस्ट फतह किया था। विभागीय नियम के अनुसार 5 वर्ष में आवेदन करने वाले ही अवॉर्ड के लिए पात्र है।
नियम अनुसार भावना डेहरिया ने 5 वर्ष के अंतराल में आवेदन किया है इसलिए भावना डेहरिया ही पात्रता रखती हैं।
मधुसूदन ने 2023 अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था। समिति ने इसलिए विचार नहीं किया।
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