अपनी और पुत्र की उपेक्षा से चल रहे नाराज, उपचुनाव में भी टिकट की उम्मीद नहीं
Challenge For BJP : छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा से भाजपा के कद्दावर नेता प्रेमनारायण ठाकुर की नाराजगी उप चुनावों में भाजपा पर भारी साबित हो सकती है।
बताया जाता है कि वे पार्टी में खुद की और अपने पुत्र उत्तम ठाकुर की लगातार हो रही उपेक्षा से भारी नाराज हैं।
सूत्र बताते हैं कि अब वे ‘निर्णय लेने’ का मन बना रहे हैं और उनका निर्णय संभवत: अमरवाड़ा में भाजपा के प्रत्याशी की औपचारिक घोषणा के साथ सामने आ जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता प्रेमनारायण ठाकुर ने जब कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता ली थी तब उन्हें पार्टी ने सरकार बनने पर मंत्री बनाने का भरोसा दिलाया था लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।
उन्होने विधायकी करते हुए ही पांच वर्ष बिता दिए।
उसके बाद जब विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट दिया जाना था तब उनके पुत्र उत्तम ठाकुर को पार्टी ने टिकट दे दिया।
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वे जानते थे कि उक्त चुनावों में उत्तम के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं, जिसके चलते उन्होने पार्टी को अवगत भी करा दिया था लेकिन पार्टी ने उत्तम ठाकुर को खड़ा कर दिया और उत्तम विधानसभा चुनाव हार गए।
इस हार के बाद उत्तम ने और अधिक मेहनत की और टिकट के दावेदारों में जब उनका नाम सबसे ऊपर चल रहा था तब भारतीय गोंडवाना पार्टी से आईं मनमोहन शाह बट्टी की पुत्री मोनिका बट्टी को पार्टी ने टिकट देकर विधानसभा चुनाव लड़वा दिया।
पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर के करीबी बताते हैं पार्टी के इस रवैये से वे खासे नाराज हैं।
कांग्रेस संपर्क के प्रयास कर रही
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमरवाड़ा उप चुनावों में उन्हें मैदान में उतारने के लिए कांग्रेस ने प्रयास शुरू कर दिए हैं जो समय के साथ तेज होते जा रहे हैं।
उनके पुत्र उत्तम ठाकुर से भी कांग्रेसी लगातार संपर्क के प्रयास कर रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में संभावना जताई जा रही है कि यदि आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर की नाराजगी दूर नहीं हुई तो इस उपचुनाव में भाजपा को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है और यदि कांग्रेस अपने मंसूबों में सफल हो गई तो पार्टी की किरकिरी होगी सो अलग।
ये है कांग्रेस की मंशा!
सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ इस उप चुनाव को जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
इसके लिए पहले जरूरी है सर्वमान्य आदिवासी नेता जिसके चेहरे पर चुनाव लड़ा जा सके।
फिलहाल पार्टी के पास ऐसा चेहरा नहीं है।
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कांग्रेस चाह रही है कि वह उप चुनावों में भाजपा में उपेक्षित पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर या उनके पुत्र उत्तम ठाकुर को अपने पाले में कर चुनावी अखाड़े में उतार दे।
इससे चुनाव में न सिर्फ सत्ताधारी भाजपा को कड़ी टक्कर मिलेगी बल्कि कांग्रेस की जीत की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
बड़े आदिवासी नेताओं में शुमार हैं प्रेमनारायण
गौरतलब है कि प्रेमनारायण ठाकुर अविभाजित मध्यप्रदेश के बड़े आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं।
जब मध्यप्रदेश से दत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था उस जमाने में वे सरकार बनाने और गिराने का माद्दा रखते थे।
ऐसे नेता को भाजपा ने लंबे समय से न तो कोई जिम्मेदारी सौंपी न चुनावों में याद किया।
इन सब कारणों के चलते वे अब ‘निर्णय लेने’ का मन बना चुके हैं।
यह निर्णय क्या होगा यह तो सिर्फ वे ही जानते हैं लेकिन समय रहते भाजपा ने उन्हें नहीं साधा तो चाहे उत्तम ठाकुर या खुद उनके रूप में भाजपा को ‘करंट’ लगना तय माना जा रहा है।
One thought on “Challenge For BJP : प्रेमनारायण ठाकुर को मनाना भाजपा के लिए चुनौती!”