कलेक्टर बोले- नागरिकों को प्रदाय जल की गुणवत्ता भी है महत्वपूर्ण
Collector In Action : छिंदवाड़ा। कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता मिशन शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा जिले में संचालित जल जीवन मिशन एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई तथा अपेक्षित प्रगति और कार्य की गुणवत्ता के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में पूर्व में स्वीकृत एकल ग्राम योजनाएं जिनकी लागत क्रियान्वयन के दौरान वृध्दि होने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के लिये प्रेषित की जाना है, उनके अनुमोदन के लिए चर्चा की गई।
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बैठक में अन्य एजेण्डा बिंदुओं के अंतर्गत नागरिकों को फ्लोराइड मुक्त जल प्रदाय करने और राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में परिचर्चा का आयोजन भी किया गया।
बैठक में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के उपाध्यक्ष एवं सीईओ जिला पंचायत पार्थ जैसवाल, कार्यपालन यंत्री एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के सदस्य सचिव आरजी सूर्यवंशी सहित मिशन के सदस्यों में मप्र जल निगम मर्यादित परियोजना क्रियान्वयन इकाई छिंदवाड़ा से उप महाप्रबंधक बसंत बेलवंशी, सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया, जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल, एसडीओ जल संसाधन विभाग, एसडीओ वन विभाग व जिला जनसंपर्क अधिकारी सुश्री नीलू सोनी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दोनों खंडों के सभी एसडीओ, उपखंड छिंदवाड़ा, चौरई, सौंसर, परासिया, जामई, अमरवाड़ा के सहायक यंत्री और उपयंत्री उपस्थित थे।
जल निगम के कार्यों की समीक्षा
बैठक में बताया गया कि एमपी जल निगम के अंतर्गत जिले में दो समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत हैं।
जिनमें से एक 5489 लाख रुपए लागत की मोहखेड़ ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना पूरी हो चुकी है और उसका विधिवत संचालन-संधारण किया जा रहा है।
इस योजना से मोहखेड़ विकासखंड के 30 हर घर जल ग्राम और उनकी 46 हजार 571 की जनसंख्या लाभान्वित हो रही है। दूसरी 84 हजार 829 लाख रुपए लागत की माचागोरा ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना है जो अभी प्रगतिरत है, मार्च 2023 में कार्य प्रारंभ हुआ है।
इसकी पूर्णता तिथि मार्च 2025 निर्धारित की गई है और इससे विकासखंड मोहखेड़, छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा, चौरई, बिछुआ, जामई एवं परासिया के 722 ग्राम सम्मिलित किए गए हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने आधा समय बीत जाने के बाद भी योजना में केवल 26 प्रतिशत काम पूर्ण होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और ठेकेदार मेसर्स एलसी इंफ्रा प्रालि अहमदाबाद को टर्मिनेशन के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
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उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स अपना एटीट्यूड बदलें और जिले में गति और गुणवत्ता के साथ काम समय पर पूर्ण कराएं। आपकी हीलाहवाली के कारण आमजन को परेशानी उठानी पड़ती है।
जल निगम के अंतर्गत जिले में प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी भी दी गई। कलेक्टर ने जल निगम की समूह प्रदाय योजनाओं में जिले के उन सभी शहरी क्षेत्रों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं, जहां पानी की समस्या अक्सर रहती है।
जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा
बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 440 एकल ग्राम नल जल योजना पूर्ण हो चुकी हैं, 871 प्रगतिरत और 208 अप्रारंभ हैं।
कलेक्टर ने एक माह के अंदर सभी अप्रारंभ योजना प्रारंभ कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और बिछुआ के लापरवाह उपयंत्री को 2 माह की अवधि में भी 2 बोर के कार्य प्रारंभ नहीं कराने व इस संबंध में ठेकेदार को नोटिस जारी न करने और न ही वरिष्ठ अधिकारी के संज्ञान में लाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शासन की राशि का सदुपयोग कर आमजन को काम समय पर कर के देना आपका दायित्व है, इसमें कोताही से समय व धन दोनों की बरबादी होती है और आमजन को भी अनावश्यक असुविधा का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने पीएचई के सभी एसडीओ को ठेकेदारों के कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ठेकेदार से समय पर गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराएं अन्यथा कार्यवाही करें।
बैठक लेकर सभी ठेकेदारों को आज ही इस संबंध में अवगत करा दें। साथ ही उन्होंने अप्रारंभ 208 योजनाओं में जल स्त्रोत खोजने का कार्य एक सप्ताह के अंदर शत-प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की गई और स्कूल प्रारंभ होने के पूर्व अपेक्षित कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
उन्होंने जिले में हैंडपंपों की स्थिति की भी समीक्षा की। जिले में कुल 10544 हैंडपंप स्थापित हैं, जिनमें से 10335 चालू हैं।
साधारण खराबी के कारण 87 और जल स्तर में गिरावट के कारण 122 बंद हैं। हैंडपंप संधारण एवं संचालन कार्य के लिए प्रत्येक विकासखंड में 1-1 और हर्रई में 2 जी.पी.एस. युक्त संधारण वाहन उपलब्ध हैं।
कलेक्टर ने जल स्तर में जहां ज्यादा गिरावट आ रही, उस पर रिसर्च करने और वहां क्या किया जा सकता है, इस संबंध में निदानात्मक सुझाव देने के निर्देश विभाग के अधिकारियों और इंजीनियर्स को दिए।
योजनाओं के पुनरीक्षण पर चर्चा
पुनरीक्षित नलजल योजनाओं के अनुमोदन पर चर्चा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि आगे से पूर्ण गहन अध्ययन करने के उपरांत सभी बसाहटों को पहले से शामिल करते हुए ही डीपीआर एवं एस्टीमेट बनाएं, जिससे पुनरीक्षण की आवश्यकता ही न पड़े।
इससे कार्य में अनावश्यक विलंब होने के साथ ही लागत बढऩे से शासकीय धन की क्षति होती है।
नागरिकों को प्रदाय किए जा रहे जल की गुणवत्ता भी है महत्वपूर्ण
बैठक में सीएमएचओ डॉक्टर चौरसिया और जिला नोडल अधिकारी राष्ट्रीय फ्लोरोसिस निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. राहुल श्रीवास्तव ने परिचर्चा में बताया कि नागरिकों को न केवल जल प्रदाय करना बल्कि प्रदाय किए जा रहे जल का गुणवत्तापूर्ण होना भी आवश्यक है।
पानी का सीधा संबंध हमारी सेहत से है। फ्लोराइड युक्त पानी के सेवन से फ्लोरोसिस नामक बीमारी हो जाती है, जो बहुत ही तकलीफ देह है।
यह बच्चों, बड़ों सभी को प्रभावित करती है। छिंदवाड़ा जिले के 5 ब्लॉक जुन्नारदेव, परासिया, अमरवाड़ा, तामिया, चौरई हाइली अफेक्टेड, 3 ब्लॉक बिछुआ, मोहखेड़, छिंदवाड़ा मॉडरेटली अफेक्टेड और 1 ब्लॉक हर्रई माइल्ड अफेक्टेड है।
उन्होंने बताया कि यदि पीने के पानी में फ्लोराईड की मात्रा 1.0 मिग्रा प्रति लीटर से अधिक है तो उस पानी को खाना पकाने एवं पीने के काम में नहीं लेवें।
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को सलाह दी जाती है कि फ्लोराईड रहित पानी का उपयोग करें। फ्लोराईड युक्त पानी छाननें या उबालने की विधि से स्वच्छ नहीं हो पाता है।
फ्लोरोसिस का कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तत्काल ऐसे पानी के स्त्रोत को पहचानते हुऐ पानी का उपयोग व सेवन तुरन्त बंद कर दें तथा ग्रामीण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग या पंचायत को सूचित करें।
घरों मे वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली लगवाएं। फ्लोरोसिस बीमारी का वर्तमान में कोई ईलाज नहीं है, परन्तु सावधानियों को अपनाकर आप स्वयं को तथा समुदाय को फ्लोरोसिस होने से बचा सकते हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने फ्लोरोसिस के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभावित बसाहटों में जागरूकता शिविरों का आयोजन कराने, जिले के सभी फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट संचालित अवस्था में रखने और जल स्त्रोत मिलने पर प्रारंभ में ही पानी की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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