शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
Irresponsibility : छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का बिलिंग को लेकर
एक नया मामला सामने आया है। इसमें कंपनी ने शहर के इंदिरा नगर निवासी एक गरीब विद्युत उपभोक्ता को
46 हजार रुपए का बिजली बिल थमा दिया है। अब उपभोक्ता सकते में है और लगातार कई दिनों से
बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगा रही है। यह मामला विद्युत उपभोक्ता श्रीमति उमाबाई उदयसिंह रघुवंशी
का है जो इंदिरा नगर की निवासी हैं। उनका सिंगल फेस घरेलू बिजली कनेक्शन है।
उन्हें कंपनी ने मई माह का 46 हजार 208 रुपए का बिजली बिल भेजा है। बिल देखकर उनके और परिजनों के होश उड़ गए।
उन्होने तत्काल बिजली कंपनी के कार्यालय में इस संबंध में शिकायत की लेकिन
उन्हें बिल की पूरी राशि का भुगतान करने कहा गया लेकिन यह नहीं बता सके कि आखिर इतना बिल आया कैसे।

जब बिजली कंपनी के दफ्तर में उपभोक्ता की शिकायत अनसुनी कर दी गई तो
उसने बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर भी की लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया।
अंत में सीएम हेल्पलाइन में भी उपभोक्ता ने शिकायत की और यह शिकायत भी अपनी सरकारी रफ्तार से आगे बढ़ रही है।
अब उपभोक्ता को समझ नहीं आ रहा कि वह किससे गुहार लगाए। उसे डर सता रहा है कि बिजली बिल
भुगतान न होने के कारण यदि बिजली सप्लाई बंद कर दी गई तो पूरे परिवार को अंधेरे में रहना पड़ेगा।
बीते महीनों में इतना बिल…
विद्युत उपभोक्ता श्रीमति उमाबाई के पिछले बिजली बिलों पर नजर डालें तो माह जनवरी 2025 में 113 रुपए,
फरवरी में 850 रुपए, मार्च में 321 रुपए और अप्रैल माह में 83 रुपए का बिल उन्हें दिया गया
जिसका उन्होने समय पर भुगतान कर दिया। मई माह में बिजली बिल 46 हजार 208 रुपए का
हिसाब उपभोक्ता की समझ से बाहर है।
मीटर बदलने के बाद आया बिल!

विद्युत उपभोक्ता ने बताया कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने इस बिल के आने के कुछ दिन
पहले ही मीटर बदलकर नया मीटर लगाया था। उन्होने आशंका जताई कि इसी वजह से फाल्स बिल जनरेट हुआ है।
अधिकारी बोले- जांच कर रहे
इस संबंध में विद्युत कंपनी शहर संभाग के ईई शरद बिसेन का कहना है कि हो सकता है कि पिछली
रीडिंग कुछ बाकी रह गईं होंगी तो मीटर बदलने के बाद नए मीटर ने इकट्ठी रीडिंग ऑटोमेटिक काउंट कर ली।
प्रकरण की जांच की जा रही है।
कंपनी की गलती उपभोक्ता भुगत रहे
अधिकारियों की बात मानें तो यदि पुरानी बची रीडिंग भी नए मीटर ने इकट्ठी काउंट कर ली तो
इसमें गलती तत्कालीन मीटर रीडर की है। मीटर यदि खराब है तो इसे भी उपभोक्ता की गलती नहीं माना जा सकता।
लेकिन बिजली उपभोक्ता परेशान हो रही है।
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