चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी सरकार ने मांगे नहीं मानीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
Movement : छिंदवाड़ा। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सुविधाओं में कटौती के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
कर्मचारी संघ ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत कर दी है।
इसके तहत 1 अप्रैल को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की सभी जिला इकाईयों ने अपने-अपने

जिला मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता कर अपनी बात प्रेस के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया।
छिंदवाड़ा में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ पे प्रेस क्लब भवन में पत्रकार वार्ता में संगठन की
मांगो के संबंध में जानकारी दी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के अंतर्गत 20 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत लगभग
32 हजार कर्मचारी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से देते आ रहे हैं।
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कोरोना काल जैसी गंभीर महामारी में इन कर्मचारियों ने जीवन की परवाह किए बगैर सेवाएं दीं।
प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 4 जुलाई 2023 को भोपाल में महापंचायत
बुलाकर संविदा कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की थीं।
इसके परिपालन में सामान्य प्रशासन विभाग ने 23 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों के लिए नीति बनाई।
इस नीति में कर्मचारियों को लाभ देने की बजाए सुविधाओं में कटौती कर ली गई।
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ये कटौतियां की गईं
- पूर्व से दी जा रही सुविधाओं में ई.एल. एवं मंडिकल को पृथक कर दिया गया।
- अनुबंध प्रथा को पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया।
- अप्रेजल जैसी कुरीति को यथावत रखा गया।
- सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष कर दी गई।
- एन.पी.एस, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा एवं डी.ए. की सुविधा से वंचित रखा गया है।
- शासन द्वारा समकक्षता (वेतन विसंगति) का निर्धारण गलत तरीके से किया गया।
- निष्काषित सपोर्ट स्टाफ एवं मलेरिया एमपीडब्लू की एनएचएम में वापसी नहीं की गई।
चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा
- 07 अप्रैल से कार्यालय में समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्य किया जाएगा।
- 16 अप्रैल को रैली निकालकर जिला स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- 22 अप्रैल को प्रदेश के समस्त 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।