अमरवाड़ा की जनता का आभार जताने आए सीएम बोले- साल दो साल सिर्फ विकास की बात करें
MP Politics : अक्षर भास्कर, छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनावों में जीत कर आए हर्रई जागीर राजवंश के राजा और भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह का मंत्री बनना फिलहाल खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।
उपचुनावों के बाद अमरवाड़ा विधानसभा की जनता का आभार जताने आए सीएम डॉ. मोहन यादव राजा कमलेश शाह को मंत्री बनाने का सवाल टाल गए।
सीएम ने सरकार में कमलेश शाह को मंत्री बनाने के सवाल पर कहा, देखिए, सरकार 5 साल के लिए है।
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साल-दो साल तो इस बात की गुंजाइश है कि हम विकास पर ध्यान दें, बाकी यह सब बातें होती रहेंगी। अभी सिर्फ विकास की बात की जानी चाहिए।
इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि फिलहाल मतलब दो-तीन साल तो राजा कमलेश शाह को मंत्री नहीं बनाया जा रहा।
अगले विधानसभा चुनावों से पहले जरूर वोटरों को साधने के राजा को मंत्री पद दिया जा सकता है।
बहरहाल सीएम के जवाब के जो भी मायने हों लेकिन इससे अमरवाड़ा सहित छिंदवाड़ा की जनता में मायूसी जरूर छा गई है।
प्रेमनारायण को किया था ‘डंप’
राजा कमलेश शाह को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर सीएम के इस जवाब के बाद क्षेत्र में पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं।
इनके अनुसार पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर जब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो उन्हें टिकट दिए जाने के साथ भाजपा ने मंत्री बनाने का वादा किया था लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था।
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इसके बाद तो जैसे भाजपा उन्हें भूल ही गई।
अब भाजपा संगठन या भाजपा सरकार को कोई बड़ा औहदेदार जब अमरवाड़ा आता है तो उनके निवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात कर श्री ठाकुर को उनकी अहमियत जताने का प्रयास किया जाता है।
मतलब यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कद्दावर आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री प्रेमनारायण ठाकुर को भाजपा ने ‘डंप’ कर दिया।
पावर सेंटर बढऩे का खतरा
भाजपा के ही अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि राजा कमलेश शाह को मंत्री बनाए जाने को लेकर भाजपा के ही जिला स्तर के कुछ नेताओं ने ‘मुंह फुला’ लिया था।
इसका कारण सत्ताधारी दल के जिले में बढ़ते पावर सेंटर बताए जाते हैं।
सूत्र बताते हैं कि यदि राजा कमलेश शाह को मंत्री बनाया जाता है तो जिला भाजपा में एक और पावर सेंटर बढ़ जाता जो कुछ नेताओं को गवारा नहीं था।
सूत्रों के अनुसार इन ‘फूफा’ स्वभाव के नेताओं ने वरिष्ठों को यह तर्क दिया कि ‘राजा’ को ‘मंत्री’ बनाए जाने से जिला भाजपा में गुटबाजी बढऩे का खतरा है।
हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नेता पुरानी भाजपा पर हावी हो सकते हैं और एक नया गुट जन्म ले सकता है।
जनसंपर्क में भी नहीं कहा
जब राजा कमलेश शाह कांग्रेस और विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे तब यह कहा जा रहा था कि उन्हें टिकट तो पार्टी देगी ही साथ में जीतने के बाद मंत्री भी बनाया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि उन्हें मंत्री न बनने दिए जाने की पटकथा उसी दिन से लिखी जाने लगी थी।
पूरे उपचुनाव में भाजपा के प्रदेश स्तर के किसी भी जिम्मेदार ने जनसंपर्क या सभाओं में राजा कमलेश शाह को मंत्री बनाए जाने की बात मतदाताओं के सामने नहीं की।
इससे भी जीत के अंतर में बड़ी कमी देखी गई।
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