पूर्व राज्यपाल के फर्जी लेटर पैड के उपयोग का आरोप
Police Action : छिंदवाड़ा। रायपुर पुलिस ने सोमवार को महामंडलेश्वर अजय रामदास उर्फ अजय वर्मा को
छिंदवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया। इसमें कोतवाली पुलिस ने सहयोग किया।

अजय रामदास पर छत्तीसगढ़ और मणिपुर की राज्यपाल रहीं अनुसुईया उईके ने उनके नाम के
फर्जी लेटर पैड के उपयोग का आरोप लगाते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस से शिकायत की थी।
सोमवार को रायपुर पुलिस की टीम छिंदवाड़ा पहुंची और कोतवाली थाना क्षेत्र के लालबाग
से अजय रामदास वर्मा को हिरासत में लेकर रायपुर रवाना हो गई।
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसुईया उईके पूर्व राज्यपाल और अनुसूचित जनजाति आयोग की
पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के फर्जी लेटर पैड बनाकर अजय रामदास ने कुछ पत्र छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों
और प्रमुख लोगों को प्रेषित किए। इन पत्रों की भाषा पूर्व राज्यपाल की गरिमा और चरित्र के अनुसार नहीं थी।
इसकी जानकारी सुश्री उईके तक पहुंची और उन्हें कुछ पत्र भी उपलब्ध करवाए गए।
इसके बाद पूर्व राज्यपाल ने दोनों राज्यों के पुलिस प्रमुखों को इस संबंध में शिकायती पत्र लिखकर
मामले की जांच के लिए कहा। जांच में जो तथ्य सामने आए उनके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
2019 का है प्रकरण
मामले के संबंध में कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने बताया कि रायपुर सिविल लाइन
पुलिस ने अजय रामदास वर्मा को गिरफ्तार किया है।
2019 के इस प्रकरण में वह संलिप्त पाए गए। वर्मा के खिलाफ पहले से भी कोतवाली थाने में धोखाधड़ी (धारा 420)
के तहत मामले दर्ज हैं।
राजनीति में फेल हो चुका अजय

अजय वर्मा ने खुद को महामंडलेश्वर बताते हुए कई धार्मिक आयोजनों में सक्रियता दिखाई थी।
अजय रामदास ने पिछले साल चौरई विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक आयोजन भी किया था,
जिसमें जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कथा वाचन किया था।
अजय ने विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में भी किस्मत आजमाने की कोशिश की थी लेकिन वह फेल हो गया।
रामभद्राचार्य ने उनके लिए पार्टी से टिकट की सिफारिश भी की थी, हालांकि टिकट उन्हें नहीं मिल पाया।