आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी, सूचना देने के बाद भी नहीं जागता प्रशासन
Street Dogs : छिंदवाड़ा। नगर निगम छिंदवाड़ा लगता है किसी की जान जाने का इंतजार कर रहा है। वैसे भी इतिहास गवाह है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होता शासन प्रशासन की नींद नहीं टूटती।
मामला आवारा कुत्तों की धरपकड़ से जुड़ा हुआ है। कई बार आवारा कुत्तों के कारण शहर में वाहन चालकों के साथ हादसे हो चुके हैं, मासूम बच्चों पर आवारा कुत्ते हमले कर चुके हैं लेकिन निगम की नींद नहीं टूट रही।
एक बार आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें पकडऩे का टेडर देकर निगम के जिम्मेदारों ने कागजी खानापूर्ति तो कर दी लेकिन शहर के कई क्षेत्रों में आवारा कुत्तों को लेकर भयावह स्थिति बनी हुई है।
शहर के कई क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के डर से शाम को पालक अपने बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने देते।
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निगम अमले को सरोकार नहीं छिंदवाड़ा नगर निगम के अमले को आवारा कुत्तों के हमले को लेकर कोई सरोकार नहीं हैं। कई बार वार्डवासी अधिकारियों को मौखिक जानकारी देते हैं लेकिन अधिकारी टाल जाते हैं।
इसी बीच यदि कोई बड़ा हादसा हो जाए तो निगम अमला ऐसे हरकत में आता है जैसे गलती आम जनता की हो।
वायरल वीडियो से भी सीख नहीं
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें आवारा कुत्ते कभी बच्चों तो कभी वाहन चालकों पर हमला कर रहे हैं। लेकिन इन वीडियो को देखकर भी नगर निगम छिंदवाड़ा के जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही।
इसका सीधा मतलब ये है कि जब तक यहां हादसा नहीं होगा तब तक ये कुछ नहीं करेंगे।
जुन्नारदेव में मासूम बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला
जुन्नारदेव में मंगलवार शाम को नगर के वार्ड क्रमांक 9 में एक 10 वर्षीय बालिका को आवारा कुत्ते ने काट लिया इसके बाद उसे तत्काल स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाया गया जहां उसका उपचार किया गया।
बच्ची का नाम आसना नामदेव पिता धर्मेंद्र बताया जाता है। बच्ची परिजनों के साथ नागपुर से जुन्नारदेव अपने रिश्तेदार के यहां आई हुई है।
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बच्ची घर के बाहर खेलने के लिए निकली जहां पर उसे आवारा कुत्ते ने हाथ में काट लिया।
इसके बाद बच्ची रोते हुए अपने परिजनों के पास गई जहां परिजनों ने स्थानीय चिकित्सक को दिखाकर उसका उपचार कराया।
वहीं नगर वासियों ने नगर पालिका प्रशासन से मांग की है कि इन आवारा कुत्तों को नगर से खदेड़ा जाए।
यहां भी नगर पालिका का ध्यान नहीं
जुन्नारदेव में भी आवारा कुत्तों की धरपकड़ को लेकर नगर पालिका का रवैया उदासीन बना हुआ है।
इस ओर कोई पहल नहीं की जा रही है। यहां आवारा कुत्तों की तादाद बढ़ रही है।
आवारा कुत्ता काटे तो स्थानीय निकाय जिम्मेदार!
जानकार बताते हैं कि यदि कोई पालतू कुत्ता किसी व्यक्ति को काट लेता है तो कुत्ते के मालिक के खिलाफ भादवि की धारा-289 के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है।
पिछले कुछ दिनों में देश भर में आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों पर जानलेवा हमले की खबरें बढ़ गई हैं।
प्रश्न उठता है कि यदि कोई आवारा कुत्ता किसी को काट लेता है तब किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।
अनुसंधान के दौरान पाया गया कि यदि कोई मनुष्य किसी आवारा कुत्ते पर हिंसक हमला करे तो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा परंतु यदि कोई आवारा कुत्ता किसी मनुष्य पर हिंसक हमला करता है तो किसी भी कानून में कोई मामला दर्ज करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन पीडि़त व्यक्ति मुआवजे के लिए दावा कर सकता है।
स्थानीय प्रशासन नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत अथवा ग्राम पंचायत को मुआवजा अदा करना होगा।
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