कांग्रेस ने निगम प्रशासन को घेरा, अधिकारियों से मांगा जवाब
Chhindwara News : छिंदवाड़ा। नगर निगम में आज उस समय बवाल मच गया जब भरी बैठक में एक कर्मचारी के अपमान किये जाने का मामला सामने आया।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर निगम प्रशासन को जमकर घेरा।
निगम अध्यक्ष सोनू मागो और वार्ड 39 की पार्षद सरिता तारकेश्वर काले ने निगम अधिकारियों और कर्मचारियों से इस मामले को लेकर कई सवाल किये।
धीरे धीरे अन्य कांग्रेस पार्षद भी इकट्ठा हो गए।
निगम के मुख्य द्वार पर स्वच्छता निरीक्षक अनिल मालवी से कांग्रेस के निगम अध्यक्ष और पार्षदों ने इस मामले में सफाई मांगी।
शोर शराबा सुनकर भीड़ इकठा हो गयी।
इस दौरान महापौर विक्रम अहाके, निगम कमिश्नर सीपी राय और कार्यपालन यंत्री ईश्वर सिंह चंदेली में से कोई भी मौजूद नहीं था।
कांग्रेस नेताओं का कहना था कि उन्होने महापौर और कार्यपालन यंत्री को फोन भी लगाए लेकिन दोनों ने फोन रिसीव नहीं किए।
ये है मामला
दरअसल, बीते शनिवार को निगम में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया था।
इसमें महापौर विक्रम अहाके, कार्यपालन यंत्री ईश्वर सिंह चंदेली मौजूद थे।
बैठक में उन वार्डों के सफाई दरोगा को सम्मानित किया गया जिनके वार्ड में सफाई व्यवस्था ठीक थी।
इसी कड़ी में वार्ड क्रमांक 39 के सफाई दरोगा विनोद मंडराह को बैठक में सभी के सामने गुलाब का फूल देकर उनके काम पर सवाल उठाए गए और उनके वार्ड में सफाई व्यवस्था सबसे खराब करार दी गई।
इस प्रकार बैठक में मौजूद सभी के सामने उनका अपमान किया गया।
इतना ही नहीं उक्त सफाई दरोगा का तत्काल तबादला भी कर दिया गया।
बताया जाता है कि निगम अधिकारियों ने सफाई दारोगा विनोद मंडराह को अनगढ़ हनुमान मंदिर से कोतवाली तक सड़क की सफाई दोपहर दो बजे करने कहा था।
इस पर वार्ड दारोगा का कहना था कि दोपहर दो बजे ट्रैफिक अधिक रहता है, ऐसे में सफाई का कार्य नहीं किया जा सकता।
इस पर अधिकारी उस पर भड़क गए।
कर्मचारियों के अपमान का हक किसी को नहीं : सोनू मागो
इस मामले में निगम अध्यक्ष सोनू मागो ने निगम अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि कर्मचारियों का अपमान करने का हक किसी को नहीं है।
भरी बैठक में कर्मचारी के अपमान को लेकर उन्होंने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
उनका कहना था कि जिस कर्मचारी का अपमान किया गया उसके कार्यकाल में वार्ड स्वच्छता में दो बार नंबर वन का तमगा हासिल कर चुका है।
उन्होने कहा कि यदि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में छिंदवाड़ा नगर निगम अव्वल नहीं आता है तो उसकी जिम्मेदारी लेते हुए संबंधित अधिकारी खुद अपना तबादला करवा लें या इस्तीफा दे दें।
कर्मचारी का अपमान इसलिए क्योंकि उसने सच बोला : सरिता काले
इस मामले में वार्ड 39 की पार्षद श्रीमति सरिता तारकेश्वर काले ने कहा कि कर्मचारी का अपमान इसलिए किया गया क्योंकि उसने बैठक में सच बोला।
उसके पास संसाधनों की कमी है जो निगम उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।
वार्ड की सफाई के लिए कम से कम 25 झाड़ू चाहिए लेकिन सफाई दारोगा को 10 झाड़ू ही उपलब्ध करवा रही है।
दोपहर में कैसे सफाई करवाई जा सकती है।
ये सभी बातें उसने बैठक में सच-सच बता दीं इसके चलते उसके तबादले की कारवाई की गई।
उन्होने आरोप लगाए कि कर्मचारी से व्यक्तिगत द्वेष भाव के चलते उसे अपमानित किया गया।
श्रीमति सरिता तारकेश्वर काले ने निगम में मौजूद सफाई निरीक्षक अनिल मालवी को बताया कि दूसरे वार्ड से कचरा लाकर उनके वार्ड में फेंका जा रहा है ताकि उनका वार्ड स्वच्छता में पिछड़ जाए।
ऐसा करते उन्होने एक व्यक्ति को पिछले दिनों पकड़ा भी था।
‘कमिश्नर बोले- महापौर को दे दिए पूरे अधिकार’
वार्ड 39 की पार्षद सरिता तारकेश्वर काले ने आरोप लगाए कि अधिकारी काम पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
कमिश्नर मिलने का भी समय नहीं देते।
पिछली बार जब उनसे बात हुई थी तो कमिश्नर ने कह दिया था कि- उन्होने सारे अधिकार महापौर को दे दिए हैं, वे कुछ नहीं कर सकते।
इरादा गलत नहीं था : मालवी
इस मामले में स्वच्छता निरीक्षक अनिल मालवी ने कहा कि कर्मचारी को अपमानित करने का इरादा नहीं था।
वार्ड दरोगा को प्रोत्साहित करना था।
अच्छा काम करेंगे तो अच्छा और बुरा काम करोगे तो थोड़ा बहुत अपमान तो सहना पड़ेगा।
सभी अच्छा काम करें यही उद्देश्य था।
Read More…Chhindwara News : जल महोत्सव से प्रभारी मंत्री को कर दिया गायब!
Read More…Chhindwara News : तहसीलदार ने माना नक्शा त्रुटिपूर्ण, सीमांकन किया खारिज