पुलिस अधीक्षक, परासिया एसडीओपी और परासिया थाने में शिकायत
BJP News : छिंदवाड़ा। कोयलांचल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।
परासिया निवासी भाजपा जिला महामंत्री परमजीत सिंह विज ने अपनी ही पार्टी के नेता और भाजपा के ही जिला मंत्री अनुज पाटकर की ‘सुपारी’ उनके ही ड्रायवर को दे दी।
इस प्रकरण में परासिया नगर पालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय का नाम भी सामने आ रहा है।
बहरहाल ये ‘सुपारी’ अनुज पाटकर की जासूसी के लिए दी गई थी।
मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक, परासिया एसडीओपी और परासिया थाने में लिखित रूप से की गई है।
अभी पुलिस ने किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के जिला मंत्री अनुज पाटकर के ड्रायवर दुर्गेश विश्वकर्मा ने ये शिकायत की है।
शिकायत में उसने लिखा है कि उसके साथ भाजपा नेता परमजीत सिंह विज और नगर पालिका परासिया अध्यक्ष विनोद मालवीय ने नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी की है।
पढि़ए क्या लिखा है शिकायत में…
शिकायत में दुर्गेश पिता सुखलाल विश्वकर्मा उम्र 34 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर 7, चौकी मोहल्ला परासिया ने बताया है कि वह पार्षद एवं भाजपा जिला मंत्री अनुज पाटकर का ड्राईवर है।
एक वर्ष पूर्व सितम्बर 2023 की बात है, भाजपा नेता परमजीत सिंह विज उसे भाजपा कार्यालय छिंदवाडा में मिले और कहा कि ‘तू मुझसे आकर मिलना तेरे फायदे का काम है किन्तु अनुज को यह बात मत बताना।’
इस पर दुर्गेश नेे परमजीत विज से कहा कि ‘आपका नंबर दे दीजिये मैं आपको फोन कर लूंगा’ तब परमजीत ने दुर्गेश से कहा कि यदि पक्की सरकारी नौकरी करनी है तो उसके कार्यालय गुरुद्धारे के बाजू में परासिया में आकर मिलना।
दुर्गेश ने शिकायत में लिखा है कि वह दूसरे दिन गुरुद्धारे के बाजू में परासिया में परमजीत विज के ऑफिस में पहुंचा और उससे मिला।
तब परमजीत सिंह विज ने उससे कहा कि ‘तू कहां ड्राईवरी के चक्कर में पड़ा है।
तेरी नगर पालिका परासिया में स्थायी सरकारी नौकरी विनोद मालवीय नगर पालिका अध्यक्ष को कह कर लगवा दूंगा जिससे तेरे और तेरे बच्चों का भविष्य बन जायेगा।’
बकौल दुर्गेश परतजीत ने उससे कहा कि 6 माह तक अस्थायी रूप से नगरपालिका परासिया में नौकरी करनी होगी।
इसी 6 माह के दौरान तुझे 30 हजार रूपये लाकर देने होंगे क्योंकि नगरपालिका कि स्थाई नौकरी लगाने के लिए जबलपुर में नगर निगम में पैसे देने होते हैं।
उसके बाद नौकरी स्थायी होती है, लेकिन तुझे विनोद मालवीय और मुझे यह बताना होगा कि अनुज पाटकर हमारे बारे में क्या बात करता है, कहां जाता है, किससे मिलता है, उसकी सारी गतिविधियों की जानकारी देनी होगी।
दुर्गेश ने शिकायत में कहा है कि उसने परमजीत सिंह विज की बात मान ली।
इसके बाद परमजीत ने उसके सामने नगरपालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय को फोन किया और कहा कि अनुज के ड्राईवर दुर्गेश को भेज रहा हूं, हमारी जो बात हुई थी वैसा करना है।’
ऐसा कहकर परमजीत ने फोन रख दिया।
दुर्गेश ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया है कि वह थोड़ी देर बाद विनोद मालवीय से मिलने नगर पालिका परिषद् परासिया पहुंचा तब विनोद मालवीय से मिलने के पश्चात वह कहने लगा कि ‘परमजीत भैया ने तेरी नौकरी नगरपालिका में लगाने की बात मुझसे की है।
अभी नौकरी अस्थायी रूप से नगर पालिका में लग रही है जिस पर तुझे 6 हजार रुपए मासिक वेतन मिलेगा किन्तु अगर स्थायी होना है तो स्थायी होने के लिए 6 माह का समय लगेगा और 30 हजार रुपए देने होंगे क्योकि नगरपालिका की नौकरी स्थायी करने के लिए 30 हजार रूपये अगर जबलपुर में देने पड़ते है।’
दुर्गेश ने इस पर कहा कि कहा कि उसके पास 30 हजार रूपये की व्यवस्था इतनी जल्दी नहीं हो पायेगी तब विनोद मालवीय ने दुर्गेश से कहा कि ‘तुझे रूपये देने के लिए 4 माह का टाइम देंगे, उस 4 माह के अन्तराल में 30 हजार रूपये लाकर देने होंगे किन्तु उसके बदले तुझे मेरा और परमजीत भैया का एक काम करना पड़ेगा।’
दुर्गेश ने बताया कि उसने इसके बाद विनोद मालवीय से पूछा कि ‘भैया क्या काम करना पड़ेगा’ तब विनोद मालवीय ने बताया कि ‘तुझे मुझे तथा परमजीत भैया को यह बताना पड़ेगा कि अनुज पाटकर हमारे बारे में क्या बात करता है, कहां जाता है, किससे मिलता है।
उसकी सारी गतिविधियों की जानकारी मुझे और परमजीत भैया को देनी होगी, यदि तू ऐसा करता है तो तुझे नगरपालिका में नौकरी करने भी आना नहीं पड़ेगा, तू अनुज पाटकर की गाड़ी चलाते रहना, हर माह तेरा वेतन तेरे खाते में आता रहेगा।
साथ ही जैसे ही तू 30 हजार रुपए देगा तो तेरी स्थायी नौकरी करने के लिए में प्रयास में लग जाऊंगा।
किन्तु ये सारी बाते तू मुझे फोन पर नहीं बताना, जो भी बताना हो या बात करना हो मुझसे और परमजीत भैया से मिलकर करना।’
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लालच पड़ गया भारी…
अनुज पाटकर के ड्रायवर और शिकायतकर्ता दुर्गेश विश्वकर्मा ने बताया कि विनोद मालवीय तथा परमजीत विज द्वारा लालच दिया गया जिस कारण से वह उनकी बात मान गया।
उसने सितम्बर 2023 में विनोद मालवीय को ले जाकर आधार कार्ड, फोटो, पेन कार्ड आदि दस्तावेज नगरपालिका में ले जाकर दे दिया। दुर्गेश ने बताया कि दिनांक 23 अक्टूबर 2023 को नगरपालिका के खाते से उसके यूनियन बैंक के बचत खाता क्रमांक 420002120006330 में 6 हजार रूपये आये, परन्तु उसने उसे निकाला नहीं, क्योकि वह अनुज पाटकर की गाड़ी चलाता था।
वहां से उसे वेतन मिलता था।
दुर्गेश ने कहा कि इसके बाद परमजीत और विनोद मालवीय उस पर दबाव बनाने लगे और अनुज के बारे में जानकारी देने के लिए कहने लगे।
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तीन माह बाद नहीं आया वेतन दुर्गेश ने बताया कि उसने उसके मित्र अभिषेक मालवी के साथ जाकर नगद 30 हजार रुपए विनोद मालवीय को नौकरी स्थाई करने के लिए दे दिए थे, तब भी विनोद ने उस पर परमजीत से मिलने के लिए जोर डाला।
जब वह जाकर मिला तो परमजीत ने कहा कि ‘यदि तू अनुज पाटकर की खबर हमे लाकर नहीं देगा तो तेरी नौकरी स्थायी नहीं हो पायेगी।’
दुर्गेश ने बताया कि नगर पालिका के खाते से 6-6 हजार रुपए दो बार बिना नगरपालिका में गये, बिना नौकरी किये विनोद मालवीय और परमजीत के कहने पर आये थे।
इसके बाद नगरपालिका से वेतन आना बंद हो गया।
जब वेतन नहीं आया तो दुर्गेश ने 30 हजार रूपये वापस मांगे। दुर्गेश के अनुसार इसके बाद धमकी देने कस सिलसिला शुरू हो गया।
ऐसे खुला मामला
दुर्गेश ने बताया कि अनुज पाटकर ने अस्थायी नगरपालिका कर्मचारियों को उपहार देने के लिए उनकी सूची निकाली, जिसमें उसका नाम भी देखा तब अनुज ने उससे पूछताछ की और और फटकार लगाई।
इसके बाद दुर्गेश ने सारी बात अनुज पाटकर को बता दी।
सरकारी पैसे से ‘सुपारी’ इस पूरे मामले में खास बात ये है कि दुर्गेश को अनुज पाटकर की जासूसी करने के लिए जो ‘सुपारी’ दी गई उसमें सरकारी पैसे का उपयोग किया गया।
न तो परमजीत सिंह विज ने और न ही परासिया नगर पालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय ने अपनी ‘जेब’ से पैसे दिए बल्कि पैसे ट्रांसफर किए गए नगर पालिका डोंगर परासिया के सरकारी खाते से।